रत्नेश शर्मा - देवघर (झारखंड)
आईना झूठ नहीं बोलता - कविता - रत्नेश शर्मा
मंगलवार, अप्रैल 22, 2025
सभी कहते हैं आईना झूठ नहीं बोलता
इन्सान हो या पर्वत-पहाड़
बेदाग़ चेहरा हो या दाग़दार
हू-ब-हू दर्शा देता है।
इसीलिए, नए दौर के लोग
आईना नहीं देखते क्योंकि,
आईना झूठ नहीं बोलता
सिक्के के दो पहलू की तरह
इसके भी होते हैं दो पहलू
एक वो जिसे लोग ख़ुद देखते हैं,
और दूसरा वो, जिसे
दिखाता है दूसरा आदमीं, दूसरे के आईने में
जो सही तस्वीर नहीं दिखाता।
दूसरे के आईने में इन्सान को हैवान
और हैवान को इन्सान दिखाता है आईना।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर