भजन लाल हंस बघेल - पलवल (हरियाणा)
जागृति - कविता - भजन लाल हंस बघेल
सोमवार, अप्रैल 21, 2025
सूर्योदय से पहले चिड़िया चहचहाई,
उठो! जागो! यह संदेशा लाई।
चल रही मंद-मंद शीतल पवन,
अति आनंदित! रोमांचित! तन और मन।
पीपल के पत्तों की सरसराहट,
मोर और कोयल की प्यारी आहट।
फूलों की मधुर मुस्कुराहट,
दूर करती जीवन की सब कड़वाहट।
कल-कल करता बहता जल,
भोर का समय अति उज्जवल।
यह सीख सिखाती हमें प्रकृति,
आओ! सब मिलकर लाएँ जागृति!!
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