जागृति - कविता - भजन लाल हंस बघेल

जागृति - कविता - भजन लाल हंस बघेल | Suryoday Kavita - Jagruti - Bhajan Lal Hans Baghel. Hindi Poem About Morning, Sun Rise | सूर्योदय पर कविता
सूर्योदय से पहले चिड़िया चहचहाई,
उठो! जागो! यह संदेशा लाई।
चल रही मंद-मंद शीतल पवन,
अति आनंदित! रोमांचित! तन और मन।

पीपल के पत्तों की सरसराहट,
मोर और कोयल की प्यारी आहट।
फूलों की मधुर मुस्कुराहट,
दूर करती जीवन की सब कड़वाहट।

कल-कल करता बहता जल,
भोर का समय अति उज्जवल।
यह सीख सिखाती हमें प्रकृति,
आओ! सब मिलकर लाएँ जागृति!!

भजन लाल हंस बघेल - पलवल (हरियाणा)

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