संदेश
मुझे तुमसे कुछ कहना है - कविता - ब्रज माधव
देखो बच्चे बड़े हो गए हैं घर से बाहर चले गए हैं मेरे पास समय ही समय है टीवी अख़बारों से मन भर गया है दफ़्तर में भी आज छुट्टी है पास बैठ त…
गंगा की लहरों में - कविता - अदिति वत्स
ऋषिकेश, मैं तुमसे मिलने आई थी, पहली बार, जैसे कोई तीर्थयात्री अपनी आत्मा की खोज में किसी अनजान मंदिर की ओर भटक जाए। तेरा नाम मेरे कानो…
अंदर का इंसान और पिंजरे का चूहा - कहानी - बिंदेश कुमार झा
आज का दिन बाक़ी दिनों से अलग होने वाला था। एक बड़ा प्रोजेक्ट था और आज उसकी प्रस्तुति थी ऑफिस में। यह कितना महत्वपूर्ण था, इसका अंदाज़ा …
पाँखी - कविता - मयंक द्विवेदी
ओ पिंजड़े के पाँखी तुम क्या जानो ये नील गगन ओ पिंजड़े के पाँखी तुम क्या जानो ये मस्त पवन। तुमने देखा है केवल विवश हुई इन आँखों से तुमन…
आत्मबोध - कविता - प्रवीन 'पथिक'
इस क़दर ज़िंदगी को जिए जा रहा था, कि हर क़दम पर मेरा साथ दोगे। पाथेय बनकर सदा रहोगे मेरे साथ; ऑंचल की छाँव की तरह। लेकिन तुमने तो कुछ दूर…
दीदी - लघुकथा - ईशांत त्रिपाठी
"फ़ोन उठाओ देवराज!" "दीदी, कुछ कार्यों को लेकर अभी व्यस्त हूँ।" "दीदी नहीं कहा करो।" देवराज साश्चर्य पूर…
यंत्र - कविता - मदन लाल राज
सुबह का होना चिंताओं का समीकरण। फिर शुरू होती है, घटा-गुणा, भाग-दौड़। लगातार गतिशीलता बढ़ाती है दिल की धड़कन। मशीनों की खटखट और धुआँ स…
बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर - दोहा छंद - सुशील शर्मा
महू में जन्में आप थे, जीवन था संघर्ष। छूआछूत की पीर से, मन में भरा अमर्ष॥ शिक्षा के हथियार से, पाया उच्च मुकाम। ज्ञान-साधना से रचा, स्…
महावीर बजरंग बली - गीत - उमेश यादव
महावीर बजरंग बली, श्री राम दूत का अभिनन्दन है। दुष्टदलन, दुःख-कष्ट हरण श्री मारुतिनंदन शुभवंदन है॥ दुष्टों के हनुमत काल सदा हैं, महाका…
महावीर झूले पलना - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
झूले पलना महावीर प्रभु, आंजनेय हनुमत खलभंजन, महाबली जय अलख निरंजन, करूँ नमन जय मारुतिनंदन। भवबाधा हर आञ्जनेय जग, तन मन धन अर्पण रघुनन्…
हुआ क्या? - कविता - गिरेन्द्र सिंह भदौरिया 'प्राण'
खुली आँख थी या कि तुम सो रहे थे, कहीं उड़ गया था तुम्हारा सुआ क्या? घटना घटी देखकर पूछते हो! हुआ क्या? हुआ क्या? हुआ क्या? हुआ क्या?? …
दर्शन की छाया - कविता - प्रतीक झा 'ओप्पी'
जब एक व्यक्ति धूप में चलते-चलते थक जाता है तो वह फिर एक वृक्ष की छाँव में बैठ जाता है शान्ति और सुख का अनुभव करता है। वह व्यक्ति — तर्…
माँ की महर - देव घनाक्षरी छंद - पवन कुमार मीना 'मारुत'
माता ममतामयी मूरत मनोहर मान, मन-मन्दिर महान मध्य में महर-महर। मानवता मधुरता महानता महीश्वरी, माता मन मत दुखाओ दिल दहर-दहर। माता प्रेम …
बेलपत्र - लघुकथा - ईशांत त्रिपाठी
"कितना कष्ट होता है जब जीवन विकल्पहीन निभने की अनिवार्यता माँगे" बारह वर्षीय चारु की माँ अपने घर सात साल बाद आई सखी माधुरी क…
पता ही नहीं चला - कविता - प्रवीन 'पथिक'
दो दिलों का मिलन, कब साँसों की डोर बन गई? पता ही नहीं चला। जीवन की ख़ुशनुमा शाम, कब सुहावनी रात बन गई? पता ही नहीं चला। उसी शाम तो तुमन…
तेरे चेहरे पर मेरी हरकत रहती है - ग़ज़ल - कर्मवीर 'बुडाना'
अरकान: फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन तक़ती: 22 22 22 22 22 तेरे चेहरे पर मेरी हरकत रहती है यूँ मेरी आँखों में उल्फ़त रहती है धरती की…
हमनवाँ संग तेरे लम्हें ख़ुशगवार बन बैठे - ग़ज़ल - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
अरकान: फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़े तकती: 22 22 22 22 22 22 2 हमनवाँ संग तेरे, लम्हें ख़ुशगवार बन बैठे दिल तुमसे लगा, ख़…
मझधार - कविता - श्वेता चौहान 'समेकन'
मैं प्रेम की कश्ती हूँ, मेरा जीवन मझधार में है! हे प्रिय! तुम माँझी बनो, हमें चलना उस पार है! प्रेम न ठहरे सागर जैसा, कलकल-छलछल बहता र…
रंग न मन मोहा - कविता - गौरव ज्ञान
श्याम का रंग, साम क्यों? बाबरी बन राधा, मीरा से पुछी, मीरा बोली– ना जानु मा साम रंग, ना जानु मा गोरी, मोह तो मीरा हूँ दर्श की प्यासी,…
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर