संदेश
आज़ादी - कविता - गणेश भारद्वाज
आओ मिलकर नमन करें हम, माँ भारत के उन हीरों को। राष्ट्र हित बलिदान हुए जो, आज़ादी के उन वीरों को। भारत को सकल बनाने की, सर्व प्रथम जिसन…
आज़ादी - कविता - पशुपतिनाथ प्रसाद
इस तिरंगा की रक्षा में हम कितने ख़ून बहाएँ हैं, लाखों मस्तक बलिदान हुए तब आज़ादी हम पाएँ हैं। कितनी माँगों का सिंदूर इस आज़ादी में दान हु…
मुक्ति संघर्ष - कविता - आशीष कुमार
पिंजड़े में क़ैद पंछी, करुण चीत्कार कर रहा। ऊपर गगन विशाल है, वह बंद पिंजड़े में रह रहा। टीस है उसके दिल में, तिल-तिल कर है मर रहा। निर…
यक्ष प्रश्न - लेख - रामासुंदरम
स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ, राष्ट्र बड़ी जोर शोर से मना रहा है। हर तरफ़ प्रसन्नता एवं उल्लास का माहौल है। देशभक्ति के नाम पर एक स्फूर्…
स्वतंत्रता - कविता - सरिता श्रीवास्तव 'श्री'
पन्द्रह अगस्त सन् सैंतालीस, भारत में आज़ादी आई। स्वतंत्र भारत की पताका, फर फर फर फहराती आई। तिरंगा भारत की जान है, भारतीयों का सम्मान ह…
आज़ादी - कविता - अनूप कुमार वर्मा
आज़ादी हमारा अधिकार है, माँ भारती से हमको प्यार है। याद रहे झाँसी की रानी, जिसकी वीरता सब ने मानी। लाला लाजपत राय ने लाठी खाई थी, वो आज़…
खुली हवा में साँस - कविता - डॉ. कुमार विनोद
खुली हवा में साँस लेने का सुख उस कबूतर से पूछो जो पिजड़े में कभी क़ैद न हो। मुक्त गगन में दम्भ भरता है उड़ने की कलाबाज़ी दिखाता है नज़द…
जश्न-ए-आज़ादी - मुक्तक - परवेज़ मुज़फ्फर
आकर वतन से दूर तरक्की की दाँव में परदेश हम ने बाँध लिए अपने पाँव में। रह कर अज़ीम शहरो में परवेज़ आज भी दिल का कयाम है उसी छोटे से गाँ…
आज़ादी - कविता - नूर फातिमा खातून "नूरी"
अंगुली पकड़कर गर्दन पकड़ा था अंग्रेजों ने ग़ुलामी की ज़ंजीर में जकड़ा था अंग्रेजों ने। राजपूत, नवाबों को आपस में लड़ाया था, हिन्दू मुस्ल…
ज़रा याद करो क़ुर्बानी - कविता - विनय "विनम्र"
भयानक मंज़रों के दौर से, गुज़रा हुआ अपना वतन, ज़ालिमों के ज़ुल्म से, लूटा हुआ है ये चमन, बस शिकस्तों पे शिकस्तों, का धरा पर अवतरण, कुछ शही…
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