संदेश
नहीं ये दिल सम्भलता है - गीत - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
मिलन को आपसे प्रियवर, बहुत ही मन मचलता है। बहुत रोका मचलने को, नहीं ये दिल सम्भलता है॥ मिलन के दृश्य अब अपनें, स्वप्न में आ भटकते हैं…
दिल - कविता - रमेश चंद्र वाजपेयी
दिल को सम्भाल कर रखना दिल से है सारे अरमान, दिल दुखने मत देना क्योंकि संबंधों का रखना ही होगा मान। अगर दिल टूट जाए तो सबंध होते हैं ब…
शाम उतर आई है दिल में - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
शाम उतर आई है दिल में, यादों की सुंदर महफ़िल में। कभी सताती कभी हँसाती, बातें उनकी दिल ही दिल में। शाम उतर आई है दिल में। यादों की... 2…
ऐ मेरे दिल सुनो - गीत - आकाश 'अगम'
ऐ मेरे दिल सुनो सिर्फ़ दिल ही रहो, एक आघात से यूँ क़हर मत बनो। जो गिरा कर सिखाती नहीं कुछ मुझे, एक आघात से वो डगर मत बनो।। लोग तो ग़लतिया…
उदास दिल - कविता - ऋचा तिवारी
ना जाने क्यूँ आज कल, ये दिल बहुत उदास है। कहने को तो सब है, पर एक सुकून की तलाश है। वक़्त की बेड़ियों ने कुछ ऐसे जकड़ी है ज़िंदगी। कि ख़ु…
दिलवर से दिल लगाना चाहता हूँ - ग़ज़ल - महेश "अनजाना"
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन तक़ती : 2122 2122 2122 दिलवर से दिल लगाना चाहता हूँ। प्रेम का दरिया बहाना चाहता हूँ। करेंगे हम मोहब्…
दिल का लगाना कब तक - गीत - शमा परवीन
ये उदासी की छाया रहेगीं कब तक, ये दिल का लगाना रहेगा कब तक। सब कुछ पहले की तरह कब होगा, ये सब ना जाने ठीक होगा कब तक। सब बन्द अपने घर…
दिल बेक़रार होने लगा हैं - गीत - शमा परवीन
प्यार, बेहद, बेशुमार होने लगा हैं, ये सोच कर दिल बेक़रार होने लगा हैं। अभी तो बचपन पार किया हैं, कुछ जल्दी ही इक़रार होने लगा हैं। ज़म…
आँखों के सामने - कविता - रमेश चंद्र वाजपेयी
आँखों के सामने देख आपका ये चेहरा, दिल खिला गुलाब सा नींद करे किनारा। लगता है जागते रहें सारी रात बस यूँ ही साथ न छूटे अपना, न हो कभी …
दिल तोड़कर दिल लगाना बुरा है - ग़ज़ल - मोहम्मद मुमताज़ हसन
दिल तोड़ कर दिल लगाना बुरा है! नज़र से नज़र फिर मिलाना बुरा है!! वक़्त की नज़ाकत है फ़ासले रक्खो, चलना संभल कर ज़माना बुरा है! करो इश्क़ यूँ क…
क़ातिलों की बस्ती में बेबस दिल - ग़ज़ल - मोहम्मद मुमताज़ हसन
सुर्ख़ हाथों से तेरा नाम लिखता हूं, रस्मे-उल्फ़त का पैग़ाम लिखता हूं! वो लिखती है तन्हा रात का मंज़र, मैं सुरमई सी कोई शाम लिखता हूं! जो क…
दिल के घाव हरे हो गए - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
बदहाली की एक तस्वीर जब नज़र आई , तन के सब रोम-रोम खड़े हो गए । जो काफी समय पूर्व ही भर चुके थे , वो दिल के घाव फिर हरे हो गए । आज …
मेरा दिल बहुत बेचैन है - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
मेरा दिल बहुत बेचैन है, इसे पल-भर ना चैन है। जीवन के इस संघर्ष में, दिन सोया पर जागी रैन है। मेरा दिल...... नई सुबह की आश में, कुछ पान…
दिल करता है - कविता - सन्तोष ताकर "खाखी"
कोई हैं जो रूठा था, मनाने को दिल करता है। कोई हैं जो गीत था, गुनगुनाने को दिल करता हैं। कोई है जो दोस्त से थोड़ा ज्यादा था, दीवाना कहन…
अच्छा नहीं - कविता - कपिलदेव आर्य
दिल बहलाने के लिए, दिल तोड़ना अच्छा नहीं, हथेली में पूनम का चाँद दिखाना, अच्छा नहीं. डरती हैं कुछ नाजुक आँखें ख़्वाब देखने से, नज़ारे झूठ…
दिल के अल्फ़ाज़ - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"
दिल के अल्फ़ाज़ मोहब्ब्त के नाम मैं लिखता हूँ, बात ये है कि तिरे जज़्बात मैं समझता हूँ। आँखों में तिरी इक तस्वीर मैं रखता हूँ, राह-ए-इश्क़…
देखा था जब तुझे - ग़ज़ल - समुन्द्र सिंह पंवार
दिल ही दिल में तुम पर मर मिटे थे हम, देखा था जब तुम्हें सपनों के गांवों में। दिल में तब एक तमन्ना हुई कि तुम से, मिल ही सकें कहीं बहार…
दिल का अखबार - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
हँस दो इक बार ज़रा कर लो अब प्यार ज़रा मैं साथ तुम्हारे हूँ समझो दिलदार ज़रा खुद को पा लो छूकर साँसों के तार ज़रा अहसासों में…
दिल से डरते हैं - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
जिनको खिलते चमन अखरते हैं वो मुहब्बत की बात करते है इश्क़ पत्थर कभी नहीं करते ये तो फूलों के दिल से डरते हैं दिल जलाती है रोशनी…
मेरा न यूँ दिल तोड़ना था - मुक्तक - राहुल सिंह "शाहावादी"
हर किस्म का तुम सनम, इल्जाम मुझपर थोप देते। पर वफा करके मेरे संग, तुमको न ऐसे छोड़ना था। प्यार में जो मांग लेते,…
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