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विधा/विषय "बदनामी"
बदनामी से पहले - कविता - सन्तोष ताकर "खाखी"
बुधवार, नवंबर 18, 2020
रूठ तो हम भी ले पर मनाने यहाँ कौन आता हैं। दर्द में करहा तो हम भी ले पर बाटने यहाँ कौन आता है। जिंदगी में महक तो हम भी ले, पर फूलों सा…
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