संदेश
विधा/विषय "भ्रूण हत्या"
मुझको जग में आने दो माँ - कविता - अजय कुमार 'अजेय'
शुक्रवार, दिसंबर 29, 2023
मुझको जग में आने दो माँ, यूँ मत मुझको जाने दो माँ। सदा तुझे आभार कहूँगी, माँ तुझसे मैं प्यार करूँगी। माँ तेरी हूँ मैं लाड़ो प्यारी, बन…
कन्या भ्रूण हत्या - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
शनिवार, अक्टूबर 08, 2022
ऐ जग वालों! ये दर्द हमारा, रो रोकर तुम्हें सुनाती हूँ। गर्भस्थ शिशू कन्या निरीह, संसार त्याग मैं जाती हूँ। ऐ मानव! तू तो दानव है, केवल…
भ्रूण हत्या - कविता - बृज उमराव
बुधवार, अगस्त 03, 2022
बापू मैं भी जीना चाहूँ, जग में मुझको आने दो। आप युगल की सेवा संग, जीवन की रीति निभाने दो।। ग़लती नहीं किसी की कोई, जीवन बिंन्दु कोख में…
भ्रूण हत्या क्यों, कबतक? - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
मंगलवार, अक्टूबर 06, 2020
कन्या भ्रूण हत्या क्यों कबतक, हत्या उसकी जो जना धरा, अस्तित्व मिटाने चला कृतघ्न, निज कोख उसी का मौत सबब, क्या सोच बदलेगी मनुज कलियुग, …
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