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विधा/विषय "मिश्रित छंद"
अवधपति! आ जाओ इक बार - मिश्रित छंद - डॉ. अवधेश कुमार अवध
गुरुवार, अक्टूबर 08, 2020
पीत वसन रँग चूनर धानी । ओढ़ चली प्रिय वसुधा रानी ।। देखत रूप गगन हरसाये । मिलन भाव उर भरकर आये ।। प्रेम भाव भरकर अंजलि में - अम…
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