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विधा/विषय "मुकरियाँ"
सावन - कह-मुकरी - मनीषा श्रीवास्तव
गुरुवार, जुलाई 28, 2022
आवत देखो गरजत तड़कत, डर जाए जियरा ये बरबस। सावन में घिर-घिर करे पागल, को सखि साजन; नहिं सखि बादल। धानी रंग से मन भर जावे, गोरी को सुन्द…
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