संदेश
ऋतुओं का महत्त्व - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
सुष्मित कुसुमित प्रकृति यह, सुरभित जीवन लोक। सूरज चंदा अहर्निश, हरे तिमिर जग शोक॥ षड् ऋतुओं में प्रकृति सज, विविध रूप शृङ्गार। शीता…
मानसून का इंतज़ार है - नवगीत - अविनाश ब्यौहार
भीषण गर्मी उमस बढ़ी है मानसून का इंतज़ार है। छाया-धूप है सखी-सहेली। पानी और है गुड़ की भेली॥ भेड़ाघाट नर्मदा तट पर और वहीं पे धुँआधार ह…
क़हर ढा रहा आसमाँ - कुण्डलिया छंद - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
क़हर ढा रहा आसमाँ, बरस रही है आग। सर पे गमछा बाँध ले, जाग मुसाफ़िर जाग॥ जाग मुसाफ़िर जाग, बदन गर्मी से उबले। राति मसन की फ़ौज, सुनावै क…
मौसम का स्वभाव - नवगीत - अविनाश ब्यौहार
दिन भी अपनी रातें जैसे करता है रंगीन। आँधी ने है बहुत पेड़ों का ख़ून किया। हमने धीरे-धीरे खिलता प्रसून किया॥ भँवरों के हाँथों बाग़ों में…
खिड़की से आने लगी हवा - कविता - अशोक बाबू माहौर
खिड़की से आने लगी हवा थोड़ी-थोड़ी लहराने लगे कुछ कपड़े जो टँगे थे उदास खूँटी पर कल परसों से। झूमने लगे स्तंभ से तने पेड़-पौधे जैसे मिल…
उम्मीद पर करने लगी संवेदना हस्ताक्षर - नवगीत - अविनाश ब्यौहार
उम्मीद पर करने लगी संवेदना हस्ताक्षर। हैं ख़्वाब आँखों के पखेरू हो गए। विश्वास के पर्वत सुमेरू हो गए।। आशा अँगूठा छाप थी अब हो गई है सा…
कि बादल बहुत आज छाए हुए हैं - ग़ज़ल - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
कि बादल बहुत आज छाए हुए हैं, गली गाँव जल में समाए हुए हैं। बतख मोर चातक पपीहा पखेरु, धमाचौकड़ी सब मचाए हुए हैं। खड़े नीम पीपल बकुल मौन…
तुम मिले जब से मुझे मौसम सुहाना हो गया - ग़ज़ल - आलोक रंजन इंदौरवी
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फाइलुन तक़ती : 2122 2122 2122 212 तुम मिले जब से मुझे मौसम सुहाना हो गया। ज़िंदगी जीने का इक सुंदर बह…
मौसमी मार - कविता - विनय 'विनम्र'
जनवरी में जाडे का एहसास देखो, अंगीठी है किसके जरा पास देखो, शरीरों पे कपडों का मेला सजा है, खूंटी पे देखो बस हैंगर टंगा है। ग़रीबों क…
जाड़ा - कविता - नूर फातिमा खातून "नूरी"
घना कोहरा, तापमान कम हो रहा है, प्रचंड ठंड से आग भी बेदम हो रहा है। सब जनजीवन ठंड से बेहाल हैं, बिस्तर में दुबके रहते नौनिहाल है। गुद…
नये मौसम के बीज - कविता - वरुण "विमला"
बीज के साथ दबा देता है अपने गम साथ हुये अत्याचार अपनी ख़्वाहिशें। बस उगाता है जठराग्नि को शांत करने की औषधि छटाई कर देता है शेष …
मौसम - कविता - रमाकांत सोनी
मौसम सदा बदलता रहता, बदले मन के भाव, कभी बहारे लेकर आता, बसंत का लेकर नाम। फागुनी मस्ती में इतराता, सावन बनकर लहराता, दिवाली के …
गुनगुनी धूप - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
गुनगुनी धूप अब मन को भाने लगी। फिर से पीहर में गोरी लजाने लगी। अब सुहानी लगे सर्द की दुपहरी। मौसमी मयकशी है ये जादू भरी। ठंडी ठंडी हवा…
मौसम ले रहा है अंगड़ाई - ग़ज़ल - मोहम्मद मुमताज़ हसन
कोई आया आहट हुई, दिल पे मेरे दस्तक हुई! मौसम ले रहा है अंगड़ाई, मिलने की फिर चाहत हुई! खुद से अब डर लगता है, तन्हाई से वहशत …
करवटें बदलते ये मौसम - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
तुनकमिजाजी ये मौसम, रूप बदलते सतत अपने बहुरूपिये की तरह हर पल, मनमौजी, बेपरवाह जग, कभी सूर्यातप गर्माहट , बरसाते लू का कहर बन…
प्यार का मौसम आ गया - ग़ज़ल - मोहम्मद मुमताज़ हसन
आओ के प्यार का मौसम आ गया, बारिश-ए-बहार का मौसम आ गया! फ़ज़ा में बिखरी है खुशबू-ए- मिट्टी, गुल-ए-गुलज़ार का मौसम आ गया! नए पत्तों…
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर