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विधा/विषय "शिष्टाचार"
शिष्टाचार को कमजोरी न समझे - कहानी - शेखर कुमार रंजन
बुधवार, जुलाई 29, 2020
मैं उसे देखकर खड़ा हो गया क्योंकि मेरे परिवार वालों ने मुझे यहीं शिष्टाचार दिया हैं, कि बूढ़े औरत और अपाहिज को देखना तो अपना स्थान दे…
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