संदेश
अंशुमाली उन्हीं की चरण वंदना है - कविता - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
प्राण फूँके हैं जिसने सघन चेतना के, अंशुमाली उन्हीं की चरण वंदना है। कलम को पकड़ कर अक्षर बनाए, फिर वर्णमाला जिसने सिखाई। पास में बैठ …
गुरु - कविता - विनय विश्वा
गुरु वहीं जो ज्ञान बताए भटके हुए को राह दिखाए जीवन मिले ना फिर ये कभी हर मोड़ पर जीवटता सिखाए गुरु वहीं जो ज्ञान बताए मुर्दे में भी जा…
शिक्षक - कविता - सूर्य प्रकाश शर्मा
बिना शिक्षकों के, कैसे होता इतिहास हमारा? क़दम-क़दम पर शिक्षक द्वारा लिखा अतीत ये सारा॥ शिष्य, शिक्षकों के निर्देशों पर जब पग-पग चलते।…
एक शिक्षक होना कहाँ आसान है - कविता - सुशील शर्मा
शिक्षक सिर्फ़ शिक्षक नहीं होते वो होते हैं जिन्न वे एक साथ कई भूमिकाएँ निभाते हैं। जब खिलखिलाते हैं तब वे होते हैं मित्र डाँटते हैं तो …
गुरु - कविता - इन्द्र प्रसाद
गुरुदेव तब वाणी अमृत समान है। यही कहती है गीता कहता कुरान है॥ ऐसा नहीं कोई जिसका गुरु न हो, गुरुदेव के बिना जीवन शुरू न हो। पहली ग…
शिक्षक और समाज - कविता - गणेश भारद्वाज
राष्ट्र को आशाएँ हैं मुझसे, खरा उन पर उतरना है मुझे। ढाँचा जो हो चुका है जर्जर, धीरे-धीरे कुतरना है मुझे। मुझे करना है निर्माण सभ्य सम…
शिक्षक की कलम से - कविता - राजेश 'राज'
बच्चों तुम विश्वास जगाओ, तुम ही भविष्य के फल हो। बोस, खुराना तुम में छिपे हैं, कल के न्यूटन तुम्ही प्रबल हो। अंतस में उम्मीदें बोक…
गुरुजी को नमन - कविता - जयप्रकाश 'जय बाबू'
मनुज श्रेष्ठ मुझमें बसाने की ख़ातिर ख़ुद को दिए सा जलाते है वो हम सबको गुरुतर बनाने की ख़ातिर नई राहें हर पल दिखाते है जो माटी से मूरत ब…
शिक्षक दिवस - कविता - पुनेश समदर्शी
शिक्षक दिवस पर प्यारे बच्चों देना ये उपहार, जातिवाद से ऊपर उठकर करना मानव व्यवहार। छुआछूत और भेदभाव में कभी नहीं उलझना, मानव-मानव एकसम…
शिक्षक - कविता - देवेंद्र सिंह
गुरुओं को सत सत है प्रणाम, शिक्षक का भी अभिनन्दन है। राह दिखाते हैं सबको, उन महामहिम का वंदन है॥ बिन शिक्षक ज्ञान सदा सूना, उपमा …
मैं शिक्षक निर्माणक हूँ - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शिक्षण हेतु बना मैं शिक्षक, नीति रीति पथ परिपोषित हूँ। नव जीवन नवयुग आधानक, मैं नित शिक्षक निर्माणक हूँ। विनयशील हो त्याग समन्वित नवयु…
मैं शिक्षक हूँ - कविता - रामानंद पारीक
सवाल फिर वही था, पर मैं जवाब नया बताता हूँ l कौन हूँ, मैं क्या करता हूँ, कविता के ज़रिए सुनाता हूँ॥ सुन्दर सी इक बगिया है और मैं हूँ उस…
गुरू तुम बहुत अनुग्रही - कविता - ईशांत त्रिपाठी
गुरू तुम बहुत अनुग्रही, करूणा करने वाले सरिता, वात्सल्य रूपी प्रकाशित सविता। किस विध तव गुण कही, गुरू तुम बहुत अनुग्रही। लक्ष-कोटि चित…
गुरु ऋण मुझ पर है - कविता - रविंद्र दुबे 'बाबु'
मात पिता है, मेरे जन्मदाता, बाल जीवन आपने सँवारा। प्रकाश पुंज ज्ञानो संग पाऊँ, कर्त्तव्य सशक्त, सुदृढ़ किनारा। दीपक सा जलकर, मुझे द…
गुरु सृष्टि का वरदान - कविता - डॉ॰ रोहित श्रीवास्तव 'सृजन'
गुरु सृष्टि का सबसे सुंदर वरदान है, बिना गुरु के कहाँ किसी की पहचान है। जान कर, जो न जान पाए, 'सृजन' की नज़रों में वे नादान …
कुंभकार : अध्यापक - कविता - सतीश शर्मा 'सृजन' | शिक्षक दिवस पर कविता
गीली मिट्टी को गढ़-गढ़ कर, देते बर्तन सा बृहदाकार। अनुपम है योगदान तेरा, है नमस्कार हे कुंभकार। आगे चल कर कोई घड़ा बने, प्याला प्…
गुरु - कविता - अर्चना मिश्रा
गुरु वो हैं जो ग़ुरूर से दूर हैं, हो मुश्किल कितना भी रास्ता देते हल ज़रूर हैं। जो भी मेरी लेखनी की चाल हैं, सब गुरु का ही तो कमाल है…
शिक्षक गढ़ता नव परिवेश - कविता - द्रौपदी साहू
शिक्षक से चलता है देश, शिक्षक गढ़ता नव परिवेश। ज्ञानपुंज से हरता तम क्लेश, शिक्षक ब्रह्मा, विष्णु, महेश॥ नि:स्वार्थ सेवा भाव रखता, बन…
डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन - कविता - राघवेंद्र सिंह | शिक्षक दिवस विशेष कविता
धन्य-धन्य वह तिरुत्तनी और, धन्य हुआ वह तिरुपति। जन्मीं जहाँ विलक्षण प्रतिभा, जिसे पवन सी मिली गति। वेदों और उपनिषदों से ही, जुड़ी रही …
शिक्षक - कविता - डॉ॰ रेखा मंडलोई 'गंगा'
ज्ञान के साथ मान बढ़ाए शिक्षक का श्रमदान है। हम सब करते आए ऐसे शिक्षक का सम्मान है। उनके हौसले हिमालय से गहराई सागर समान है। एकलव्य को…
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