संदेश
आख़िरी मुलाक़ात - कविता - सुरेन्द्र जिन्सी
इस बार वो गई मगर हर बार की तरह नहीं हर बार चली जाती थी मुझे पीछे छोड़कर मैं देखता रहता था उसे नज़रों से ओझल होने तक एक टूटी उम्मीद लेकर…
प्रिया के लिए - कविता - पवन कुमार मीना 'मारुत'
प्रिय पत्नी पवित्र प्रेम पारावार पाकर, जीवन पहेली प्रियतम पार किया है। परिवार पालन पोषण प्रेरणा पति की, सुख संग जीवनसाथी जीवन जिया है॥…
बात मन की कभी तो बताया करो - ग़ज़ल - डॉ॰ आदेश कुमार पंकज
बात मन की कभी तो बताया करो दर्द दिल में छिपा मत सताया करो हो अकेले कभी मम ज़रूरत पड़े पास अपने हमें तुम बुलाया करो बाग़-बगिया दिशाएँ मनोर…
आकुलता - गीत - सुशील कुमार
सघन गहन सम प्रेम भुवन में अगणित बार जताए तुम आशाओं का मेरा सूरज डुबता देख न पाए तुम अक्षत अक्षत मेरे सपने रंग प्यार का हल्दी में शहनाई…
वह आलिंगन चौबीस साल पुरानी है - कविता - सुरेन्द्र प्रजापति
कुछ गीली और चमकीली यादों में, तुम मेरी स्वप्न सुंदरी, मेरे सुनहले अतीत की नीली किरणें, वह उम्मीद से भरी आँखें, चाहना से भरी मटकती पुतल…
तुम - कविता - बापन दास
तुम चंदन का मानो वृक्ष हो, मैं उससे लिपटा नाग कोई! मैं काँपता तार सितार-सा हूँ, तुम उससे झरती राग कोई! तुम चंचल नैना मृग-सी हो, मैं कल…
मुझे कुछ कहना है - कविता - सुशील शर्मा | एक प्रेम कविता
सुनो तुमसे एक बात कहना है मुझे यह नहीं कहना कि तुम बहुत सुंदर हो और मुझे तुमसे प्यार है। मुझे प्यार का इज़हार भी नहीं करना मुझे कहना है…
प्रेम कोई व्यापार नहीं है - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
प्रेम कोई व्यापार नहीं है, अन्तर्मन का भावामृत है। निर्मल शीतल गूंजित हियतल, आँखों में भाव सृजित है। तन मन धन अर्पण जीवन पल, नव वसन्त …
आकर्षण पर प्रेम की कविता - कविता - सुरेन्द्र प्रजापति
उसे आकर्षित करने के लिए मैंने एक शब्द लिखा 'मुक्ति' उसने अस्वीकार कर दिया दूसरा शब्द लिखा 'विश्वास' उसकी आँखे करुणा से…
शायद तुम नहीं मानोगे - कविता - लक्ष्मी सगर
शायद तुम नहीं मानोगे। अगर मैं कहूँ तुम्हारी साँसें जैसे हवा में घुलती कोई इत्र की ख़ुशबू जिनमें मैं गुम हो जाना चाहती हूँ॥ और तुम्हारी …
तुम्हारी तस्वीर - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
देखी जो मैंने तुम्हारी तस्वीर, छलक उठा मन, हुआ अधीर। मुख चंद्र-सा, नयन कजरारे, जैसे हो फूलों के बीच सितारे। अधरों पर मृदु मुस्कान खिले…
बस! रहो तुम मेरे पास प्रिये - कविता - प्रवीन 'पथिक'
जीवन क्या एक पतझड़ है! खिलना और बिखरना है, दुःख का तो आना जाना है। गिरना फिर उठकर चलना है। जब याद तुम्हारी आती है, आँखों में आँसू आते …
तुम्हारी तस्वीर - कविता - शुभोदीप चट्टोपाध्याय
विद्रोह के ज़माने में मैं जब भी अपने कलम से प्रेम लिखने को कहता था उसकी नसे सिकुड़ जाती थी। तब कलम को प्रोत्साहन और हृदय को चेतना देने…
मेरे दिल की बस्ती में - गीत - रमाकांत सोनी 'सुदर्शन'
फ़ुर्सत हो तो आ जाना तुम मेरे दिल की बस्ती में। मैं राही हूँ बहारों का तुम बैठ जाना मेरी कश्ती में। मेरे दिल की बस्ती में मधुर तराने गी…
प्रेम - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
प्रेम धरा है, प्रेम गगन है, प्रेम तपन है, प्रेम शयन है। प्रेम श्वास है, प्रेम प्राण है, प्रेम जीवन का संज्ञान है। किरणों जैसा कोमल स्प…
आओ बैठो पल-दो-पल - गीत - प्रमोद कुमार
मेरा पहला प्यार तुम्हीं थे, जीवन का आधार तुम्हीं थे, चंपा-कुसुम-चमेली जैसी, मधुमय रस-शृंगार तुम्हीं थे। पर छोटी-सी बात को लेकर जिस दिन…
तुम कहो तो सही - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
हम सँवर जाएँगे, तुम कहो तो सही। गीत रच जाएँगे, तुम सुनो तो सही। हम पिघल जाएँगे, तुम छुओ तो सही। ख़ुद को खो देंगे, तुम रुको तो सही। प्रे…
आँखों में नमी हैं - कविता - कर्मवीर 'बुडाना'
क्यूँ जा रहे हो यार, मुझमें क्या कमी हैं, झूठा नहीं हूँ मैं, देख, आँखों में नमी हैं। मेरे दिल में बह रही प्रेम की ठंडी बयारें, फिर भी …
पछतावा - गीत - संजय राजभर 'समित'
आज बहुत पछताता हूॅं मैं, नाहक उसे रुलाया था। वो थी सच्ची प्रेम दिवानी, आख़िर क्यों ठुकराया था? लिए निवेदन घुटनों के बल, बाॅंवरी गिड़गिड…
सीने से जो लगाता था तस्वीर क्या हुई - ग़ज़ल - ममता गुप्ता 'नाज'
सीने से जो लगाता था तस्वीर क्या हुई, दिल में बसी थी तेरे जो वो हीर क्या हुई। लेने लगे हैं काम ज़ुबाँ से वो आजकल, उनकी निगाहे नाज़ की शमश…
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर