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शिव विवाह शिवरात्रि में - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | महाशिवरात्रि पर दोहे
महशिवरात्रि पर्व शुभ, पावन फागुन मास। गौरी शिव परिणय दिवस, धर्म सनातन ख़ास॥ मिले शान्ति सुख सम्पदा, मिटे विघ्न दुख ताप। पूजें श्रद्धा भ…
सरस्वती वंदना - दोहा छंद - सुशील शर्मा
मातु शारदा आप हैं, विद्या बुद्धि विवेक। माँ चरणों की धूलि से, मिलती सिद्धि अनेक॥ झंकृत वीणा आपकी, बरसे विद्या ज्ञान। सत्कर्मों की रीति…
बुद्धि विवेक सृजन की देवी - गीत - उमेश यादव
बुद्धि विवेक सृजन की देवी, ज्ञान का विस्तार है। प्रज्ञा माता, माँ गायत्री, आपकी जय जय कार है॥ नवयुग की अरुणोदय वेला, नवल सृजन का शंख ब…
यह कुंभ यह स्वाभिमान है - कविता - राजू वर्मा
यह कुंभ यह स्वाभिमान है, ये सनातन संस्कृति और ज्ञान का विस्तार है, जहाँ पर दिखती मोक्ष की धारा, जहाँ पर बसती त्याग की ज्वाला, जहाँ संस…
राम बसे है सबके मन में - गीत - अजय कुमार 'अजेय'
तेरे तन में और मेरे तन में। राम बसे है सबके मन में॥ जल में, थल में और गगन में, अंतरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि-वनस्पति, वन-उपवन में,…
पूजन छठ रवि अर्चना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | छठ पूजा पर दोहे
पूजन छठ रवि अर्चना, माँगूँ मैं भगवान। कतरा-कतरा रक्त तनु, करूँ राष्ट्र बलिदान॥ पल-पल जीवन दूँ वतन, यत्न देश निर्माण। रखूँ दर्द सम्वेद…
हे धन लक्ष्मी मेरे घर आओ - कविता - रजनीश तिवारी 'अनपढ़ माशूक़'
हे धन लक्ष्मी मेरे घर आओ हम दुखियों का कष्ट मिटाओ भव सागर से पार लगाओ दर्शन दो माँ दरश दिखाओ दर्शन दो मुझे दरश दिखाओ हे महालक्ष्मी मेर…
मेरी विनती सुन माँ अम्बा - गीत - रजनीश तिवारी 'अनपढ़ माशूक़'
हे ज्वाला जगदम्बा मेरी विनती सुन माँ अम्बा हर मुराद कर मेरी पूरी मन्नतें माँ हैं अधूरी माता भैरवी तू रुद्रानी तू है रौद्री संतोषी माँ …
हे सिद्धिविनायक - कविता - रजनीश तिवारी 'अनपढ़ माशूक़'
हे सिद्धिविनायक मंगलमूर्ति शंकर सुवन गणेश महिमा का गुणगान करें तेरे ब्रह्मा विष्णु महेश हे सिद्धिविनायक मंगलमूर्ति शंकर सुवन गणेश प्रथ…
श्री कृष्ण वंदना - कविता - आर॰ सी॰ यादव
हे मधुसूदन हे बनवारी, जन-जन के हितकारी। हे योगेश्वर श्रीकृष्ण प्रभु, बाधा हरो हमारी॥ मनहर मोर मुकुट सिर शोभित, मुरली की धुन प्यारी। पा…
राम - कविता - शाहरुख खान
रहे ज्ञात सभी को, लिया था संकल्प हम घर घर दीप जलाएँगे जब राम लाला घर आएँगे अवध की माटी से लेकर हिंद के जल के कण-कण तक सब नास्वर मोह मा…
कृष्ण - कविता - सुनीता प्रशांत
कृष्ण तो बस कृष्ण थे सुंदर चितवन नंद नंदन थे बालक थे तो जैसे चंचल मन युवा वस्था जैसे वसुंधरा वसन स्मित हास्य हो जैसे हरित धरा आनन जैसे…
चले हैं पैदल - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
सबल हाथों से उठा स्नेह जल, चले हैं पैदल। बाहर के जल से, अन्तर जगाना है। जल की भान्ति, मन पावन बनाना है। ओम् धुन सदल, चले हैं पैदल। मा…
मार्कण्डेय महादेव मंदिर - लेख - वारीन्द्र पाण्डेय
शिव की अगाध श्रद्धा का केंद्र हैं मार्कण्डेय महादेव मंदिर , यहाँ मिलता है पुत्र कामना की पूर्ति का आशीर्वाद। सावन भर लगता है भक्तों का…
ओह गिरधर! मुरली वाले - गीत - महेश कुमार हरियाणवी
तुम्हें नित नए रंग में पूजें, सब रूप-रूप से निराले। ओह! गिरधर मुरली वाले, मेरे गिरधर मुरली वाले। तेज़ ने तेरे विश्व हिलाया, देव, गुरु, …
जय शिव शंकर - कविता - रजनीश तिवारी
जय बोलो जय जय शिव शंकर रूद्र महादेव बम बम हर हर जय बोलो जय जय शिव शंकर है जगत में सबसे निराला मेरा बाबा भोला भाला पहने देखो सर्पो…
क़दम रखूँ - कविता - दिव्या मिश्रा
क़दम रखूँ ज्यों शिखर पर सराहना हे! राम मन मस्त मगन उड़ती फिरूँ स्वतंत्र बनाना हे! राम ज़िम्मेदारी को सिद्ध करूँ सशक्त बनाना हे! राम क़दम.…
मँझधार फँसी नैया - गीत - उमेश यादव
मँझधार फँसी नैया, उद्धार करा देना। जीवन की कश्ती को, प्रभु पार लगा देना॥ सुख-दुःख ही जीवन है, मन को समझाना है। संघर्ष भरा बीहड़ वन, …
माँ कूष्मांडा - गीत - उमेश यादव
आदिस्वरुपा माँ कूष्मांडा, सृष्टि धारक पालक हो माता। रोग शोक का अंत करो माँ, सिंहवाहिनी भगवती माता॥ अष्टभुजा हे आदिशक्ति माँ, निज स्…
शिव का सार - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
गहन क्लेश में सुख का आगार योग से प्राप्य शिव का सार। बृहद क्षेत्र में व्यापक आकाश सर, कल्प दिए सरलता से संवत्सर। निरंजन अरूप यद्यपि सर…
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