संदेश
राधेय - कविता - सिद्धार्थ गोरखपुरी
आइ गई रुत पावन-भावन, जन्म लिए जिस रोज़ कन्हाई। बादर देखि हिय हरषि गयो जब, करुणानिधि ने करुणा बरसाई॥ किशोरी के मन को भाइ गए, ऐसे सुंदर च…
सुनो तनिक राधा सखी - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
सुनो तनिक राधा सखी, लाओ मधुरिम हाथ। गाओ मुरली आज तू, मैं हूँ गैया साथ॥ लीलाधर यशुमति लला, समझ रही तुझ चाल। मैं तेरी जीवन सखी, नहीं …
क्यों नहीं कान्हा हमारे पास आते हो - गीत - सुशील कुमार
क्यों नहीं कान्हा हमारे पास आते हो। प्रेम की वंशी अधर से ना बजाते हो॥ राह मे जो तुम कभी माखन चुराते थे, साँझ के ढलते कभी वंशी बजाते…
द्वारिका में बस जाओ - कविता - अंकुर सिंह
वृंदावन में मत भटको राधा, बंसी सुनने तुम आ जाओ। कान्हा पर ना इल्ज़ाम लगे, फिर तुम उसकी हो जाओ। रुक्मिणी, सत्या, जामवंती संग तुम द्वारिक…
होली खेले कान्हा - गीत - प्रवल राणा 'प्रवल'
आज बिरज में होली खेले कान्हा। होली खेले कान्हा ठिठोली करें कान्हा॥ कौन के हाथ में देवे पिचकारी, कौन के हाथ गुलाल देवे कान्हा। कान्हा क…
ओ मेरे साँवरे रे - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
रूप सलोने यशुमति कान्हा, ओ मेरे लला साँवरे रे। मनमोहन गिरिधर नागर तू, लावण्य रूप निहारे रे। लीलाधर बहुरुपिया कान्हा, नंदज तू राजद…
शरद पूर्णिमा - गीत - अभिनव मिश्र 'अदम्य'
यह शरद पूर्णिमा का शशांक, खिल गया तीव्र लेकर उजास। पावन बृजभूमि अधीर हुई, यमुना की लहरों में हलचल। हो गया दृश्य रमणीक रम्य, खिल उठे सर…
राधा-कृष्ण की मीठी झड़प - कविता - गायत्री शर्मा 'गुँजन'
खिली हुई चंपा के जैसे अंग सुकोमल जिसके भाए। नख से शीख तक देख राधिका कृष्ण को तंज कसे ही जाए॥ कहो ऐ बालक! प्रश्न क्यों करते यमुना तट पर…
श्री राधे-राधे रटता हूँ - कविता - अनिकेत सागर
चाहें जिस जगह रहता हूँ, चलता मैं जिस भी पथ पर, नाम तेरा लेना न भूलता हूँ मन में श्री राधे-राधे रटता हूँ। बरसाने वारी ब्रज की दुलारी रा…
ओ राधा रानी - गीत - डॉ॰ मान सिंह
ओ राधा रानी तेरा श्याम तके तेरी राह, तू आजा उन्हीं गलियों में। मैं कदम्ब की डाल पे बैठा मुरली मधुर बजाऊँगा, तेरे नाम की माला लेकर पल-प…
सखी रे चल पनघट की ओर - कविता - सुशील कुमार
सखी रे चल पनघट की ओर, वाट निहारत आज वहाँ पर यशुदा नन्दकिशोर। पानी भरन बहाने आई लेकर मटकी हाँथ, राह अकेले में डर लागे तू भी चल मेरे सा…
श्याम से - गीत - सिद्धार्थ गोरखपुरी
श्याम के भक्तों ने कह डाला है अब तो श्याम से, राधा की है पैरवी बस श्याम से घनश्याम से। श्याम के भक्तों ने कह डाला है अब तो श्याम से॥ ज…
एक मीरा एक राधा - कविता - रविंद्र दुबे 'बाबु'
पागल हुआ है मन, श्यामल की माया में, भूख प्यास सुध नहीं अब तो, भक्ति सुहाई रे। एक मीरा एक राधा दोनों, प्रेम दीवानी हैं, छोड़ जग मोह …
प्रेम की पराकाष्ठा - कविता - शिवचरण सदाबहार
(राधा कृष्ण से) सारा जीवन राधा-राधा पर रिश्ता बेनाम रहा, तड़पी मैं रैन दिवस पर विमुख मुरली वाला श्याम रहा, नंद का तुझ पर ख़ूब दुलार रहा…
मोहन - कविता - सिद्धार्थ गोरखपुरी
मोहन! मुरली से प्रीत तुम्हारी अगाध अनन्त हुई कैसे? प्रीत में पागल मीराबाई मन से सन्त हुई कैसे? राधा ने दुनियादारी त्यागी और तुम्ही को …
राधा नाचें श्याम मन - कुण्डलिया छंद - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
राधा नाचें श्याम मन, श्याम सार संसार। मुरली मुरली में समा, नाचें पालनहार॥ नाचें पालन हार, सभी मन मोह लुभावे। मुरली की है तान, सार संसा…
राधा कृष्ण की होली - कविता - आशीष कुमार
फागुन महीना है मस्त मस्त आला, निकला है रंगने गोकुल का ग्वाला। हाथों में उसके कनक पिचकारी, जाएगी बच के कहाँ बृजबाला। राधा ने मटकी में र…
राधा-कृष्ण - गीत - डॉ॰ उदय शंकर अवस्थी
श्याम रंग अंग साँवरो राधिका के संग नाचे बाँसुरी बजाए श्याम बाँसुरी बजाए नाचे राधिका के संग। मतवाली हुई जाए मलय कहाँ रुक पाए गंध फल फूल…
कृष्ण कन्हैया - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
कालिन्दी तटनी मुदित, खोई राधा प्रीत। मनमोहन माधव मधुर, मीत कृष्ण नवनीत।। देख रही मुरली मधुर, सुनी मधुरिमा गीत। बसी हृदय राधारमण, राधा …
राधामाधव प्रीत मन - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
राधा माधव प्रीत मन, बसो हृदय गोपाल। मनमोहन मधुवन मुदित, मोरमुकुट शुभ भाल।। हर्षित मन मधु माधवी, नंदलाल अभिराम। बरसी सावन की घटा, भींग…
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