संदेश
रंगवाले तू रंग से भर दे - गीत - उमेश यादव
प्यार भरी रंग की पिचकारी, छुपा रखा है क्यों अंतस में। बरसाओ सतरंगी सबपर, अंग अंग तू रंगमय कर दे। रंगवाले तू रंग से भर दे॥ शुष्क हो रहे…
रंगदार होली - कविता - प्रमोद कुमार
देखो आम बौराए, चना-मटर गदराए, गेहूँ-अरहर झूम-झूम, धरती से प्यार जताएँ। नाचे सरसों पीला, तीसी बड़ा रंगीला, योगी वेश में शोभ रहा है, ढाक…
होली - कविता - आलोक कौशिक
प्रेम की पिचकारी लाना घोलना सौहार्द के सारे रंग वृंदावन के फाग गाना ऐसे होली मनाना मेरे संग होलिका संग हो ईर्ष्या दहन तब लगाना मुझको ग…
होली - कुण्डलिया छंद - सुशील शर्मा
1 फागुन लिखे कपोल पर, प्रेम फगुनिया गीत। दहके फूल पलाश के ,कहाँ गए मन मीत॥ कहाँ गए मन मीत, फगुनिया हवा सुरीली। भौरों की गुंजार, हँसे म…
गुल ऐसे मोहब्बत के खिले होली में - रुबाई - सैय्यद शारिक़ 'अक्स'
गुल ऐसे मोहब्बत के खिले होली में सब प्यार के रंगों में ढले होली में आपस के सभी शिकवे भुलाके ऐ 'अक्स' मिल जाते हैं दुश्मन भी गल…
दिखावटी होली - कविता - सूर्य प्रकाश शर्मा 'सूर्या'
है दिखावटी रंगों का जलसा होली पर, असली रंगों को होली अब मोहताज हुई। सद्भाव, प्रेम की होली होती नहीं कहीं, हाँ, कृत्रिम रंगों की तो होल…
होली आई ख़ुशियाँ लाई - कविता - गणपत लाल उदय
ख़ुशियों की सौग़ातें लाया फिर होली-त्योहार, रंग लगाओ प्रेम-प्यार से करो गुलाल बौछार। करो गुलाल बौछार जिसका था हमें इन्तज़ार, दूर करो गिल…
होली का त्यौहार - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
धर्म सनातन पर्व शुभ, होली का त्यौहार। धवल रक्त पीला हरित, फागुन रंग बयार॥ भारत जन उल्लास मन, फागुन होली रंग। भींगे रंगों से वदन, गुलशन…
होली - कविता - रमेश चन्द्र यादव
हर बुराई का करो दहन, और अच्छाई को गले लगाओ। यही महात्म्य है होली का। ख़ुद समझो औरों को बताओ। सदियों पहले एक बुराई ने, था रिश्तों को बदन…
रंगोत्सव - कविता - हिमांशु चतुर्वेदी 'मृदुल'
रंगों का है उत्सव आया, नव ऋतु ले रही भोर पतझड़ भी है गुज़र गया, धरा हुई आत्मविभोर दिल में है प्रेम उमंग, छाया ढोल मृदंग का शोर मुस्कान…
तुम साथ हो जाना - कविता - मेहा अनमोल दुबे
जब रंग अपनी छटा बिखेरें, तुम साथ हो जाना, जब नील गगन सफ़ेद रंग सजाए, तुम साथ हो जाना, अमलतास जब सफ़ेद पीले गुच्छों को धरती पर बिखेरें, …
होली - कविता - गणेश भारद्वाज
सद्भावों की माला होली, ख़ुशियों की है खाला होली। रंग बसे हैं रग-रग इसकी, रंगों की है बाला होली॥ मन के शिकवे दूर करे यह, मस्ती में फिर च…
अनुसरण कृष्ण का - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
शिथिल पाँव भोग के, विस्मरण भाव शोक के। कर्म से गति का अवसर, सम्यक ध्यान अहरहर। अनुसरण कृष्ण का। होली, अग्नि दहन ईर्ष्या का, उचित प्रयो…
चढ़ा प्रेम का रंग सभी पर - गीत - सुशील शर्मा
चढ़ा प्रेम का रंग सभी पर होली आई रे भैया मन मिश्री तन रंग लगाए नाचें साथी छम-छम-छम यौवन का उल्लास समेटे बजे मृदंगा डम-डम-डम प्रेम, मौ…
होली आई रे - गीत - अजय कुमार 'अजेय'
होली आई रे होली आई रे। मस्ती छाई रे मस्ती छाई रे। रंगों से भरी पिचकारी, छोरा-छोरी चोरी मारी। गुब्बारे में भर-भर रंग सारे, हुरियारे साध…
श्रद्धा भक्ति प्रेममय होली है - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
ब्रज होली है रंगों का त्यौहार राधा संग खेलें होली रे। गोरी राधा हृदय गोपाल मन माधव प्रिय हमजोली रे। मोहे रंग दे गुलाल गाल फागुनी होल…
सुरक्षित होली प्रदूषणमुक्त होली - कविता - डॉ॰ विजय पण्डित
आओ सब मिल हँसी ख़ुशी सुरक्षित होली मनाएँ पर ध्यान रहे हरा पेड़ होलिका की भेंट चढ़ने ना पाएँ, होलिका दहन की अग्नि से दूर हो सब संताप नफरत…
तो समझो की ये होली है - गीत - उमेश यादव
नयनों में ख़ुमारी छाए, साँसों में भी उष्णता आए। मन मिलने को अपनों से, होकर अधीर अकुलाए॥ लहरों सा हिलोरे ले मन, तो समझो की ये होली है॥ म…
होली खेले कान्हा - गीत - प्रवल राणा 'प्रवल'
आज बिरज में होली खेले कान्हा। होली खेले कान्हा ठिठोली करें कान्हा॥ कौन के हाथ में देवे पिचकारी, कौन के हाथ गुलाल देवे कान्हा। कान्हा क…
होली आई रे - कविता - रविंद्र दुबे 'बाबु'
कली केशरिया बने रंग पिचकारी जात-पात भूल, सब गाए संगवारी रंग बिरंगी फूलों सा, ख़ुशहाली महके फागुनवा छाई झमाझमा, होली रे... होली आई रे..…
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