संदेश
न्याय याचना - कविता - विजय कुमार सुतेरी
रचना पृष्ठभूमि: यह रचना पश्चिम बंगाल में हाल में हुए एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विषय में है जिसमें महिलाओं को अपनी शक्ति और ऊर्…
हाथी घोड़ा पालकी, मदन गोपाल की - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
देवकीनंदन वासुदेव नंद गोपाल यशोदा लाल की। ब्रज में कृष्ण कन्हैया आयो, सुखसागर जगपाल की। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की। यशोमती की ग…
अग्निपथ - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
प्रस्तावना "अग्निपथ" एक महाकाव्यात्मक काव्य संग्रह है जो जीवन के संघर्ष और विजय की गहन यात्रा को अभिव्यक्त करता है। यह रचना …
हर कविता के बाद - कविता - प्रवीन 'पथिक'
हर कविता के बाद– कवि की हत्या होती है। हज़ार मरण वह मरता है; और उसे सहर्ष स्वीकार करना पड़ता है। उसकी आत्मा हर अंतर्द्वंद्व के बाद– प्…
हम दोनों का यूँ बार-बार लड़ना - कविता - तेज नारायण राय
हम दोनों का आपस में बार-बार लड़ना छोटी-छोटी बातों को तिल का ताड़ बनाना एक दूसरे को उँगली दिखाना क्या अच्छा लगता है? क्या ऐसा नहीं लगता…
लोग अब जग रहें हैं - कविता - इला कुमारी
लोग अब जग रहें हैं अपनी ही नींद से अपनी ही नींद में होने वाले भयानक स्वप्न से। हाँ, अब वे जग रहें हैं अपनी ही नींद में दख़ल देने वाले अ…
रिटायरमेंट - कविता - रमेश चन्द्र यादव | Retirement Poem Hindi
उगता सूरज लगता सुन्दर, सबके मन को भाता है। पर ढलता सूरज भी देखो, सन्देश नया दे जाता है। दिनभर तपो परोपकार में, फिर धीरे-धीरे ढल जाओ। ख़…
नारी: कोमलांगी नहीं दृढ़ - कविता - पी॰ अतुल 'बेतौल'
एक झलक मिली थी तुम्हारी, चिंताओं की लकीरें दिखी भारी। ख़ुशियों पर धूल जमी है क्यों, धूमिल क्यों दिख रही ख़ुशगवारी। फिर आज बहुत विकल अकेल…
रक्षा बन्धन या राखी - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | रक्षाबंधन पर दोहे
आज श्रावणी पूर्णिमा, राखी का त्यौहार। उत्सव भाई बहन का, प्रेम सरित रसधार॥ कच्चा धागा प्रेम का, पक्का धागा प्रीति। भाई बहन अद्भुत मिलन,…
बोझ, ज़िम्मेदारी और राखी का धागा - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
है बोझ बड़ा भारी सिर पर, ज़िम्मेदारियों का भार उठाए, हर साँस में है एक नई जंग, पर दिल है तुम्हारे नाम का साए। नाराज़ न होना, बहना मेरी, …
राखी: रिश्तों का बंधन - कविता - आर॰ सी॰ यादव | रक्षाबंधन पर कविता
आशा और विश्वास समेटे अमिट प्रेम का बंधन है। आत्मीय रिश्तों का मधुबन प्यारा रक्षाबंधन है। भाई के हाथों में सजती रेशम के धागे की डोर। बह…
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